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खतरे में व्यापार: अफगान सरकार की आमदनी की जड़ों को खोद रहा है तालिबान

सार

तालिबान ने व्यापार के प्रमुख सात बड़े और छोटे मार्गों पर नियंत्रण कायम कर लिया है। ये रास्ते हेरात, फारहा, कंधार, कुंडुज, ताखर और बादाखश्तान राज्यों से गुजरते हैं। यहां से गुजरने वाले रास्तों से 2.9 अरब डॉलर का सालाना आयात-निर्यात होता है। ये व्यापार मार्ग पाकिस्तान, ईरान, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के बीच है... 

23 जून, 2021 को काबुल, अफगानिस्तान के बाहरी इलाके में अफगान सुरक्षा बलों और तालिबान विरोधी लड़ाई के लिए अपने समर्थन की घोषणा करने के लिए एक सभा में सशस्त्र लोग।


विस्तार

अफगानिस्तान में ताजा सूरत यह है कि रणनीतिक और कारोबारी महत्व के ज्यादातर इलाकों पर तालिबान ने कब्जा जमा लिया है। खबरों के मुताबिक तालिबान ने व्यापार के प्रमुख सात बड़े और छोटे मार्गों पर नियंत्रण कायम कर लिया है। ये रास्ते हेरात, फारहा, कंधार, कुंडुज, ताखर और बादाखश्तान राज्यों से गुजरते हैं। यहां से गुजरने वाले रास्तों से 2.9 अरब डॉलर का सालाना आयात-निर्यात होता है। ये व्यापार मार्ग पाकिस्तान, ईरान, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के बीच है।

दूसरी तरफ, राष्ट्रपति अशरफ गनी सरकार के नियंत्रण में अभी भी नांगरहार, पकत्या, पकतिका, खोश्त और निमरोज प्रांत में मौजूद व्यापार मार्ग हैं। वहां से गुजरने वाले रास्तों से दो अरब डॉलर से अधिक का आयात-निर्यात होता है। उज्बेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान की सीमा में प्रवेश करने वाले दो मार्ग जोवजान और बाल्ख प्रांतों में हैं, जहां से 1.7 अरब डॉलर का कारोबार होता है। इन प्रांतों पर कब्जे के लिए सरकारी बलों और तालिबान के बीच फिलहाल लड़ाई चल रही है।

गौरतलब है कि पश्चिम में अफगानिस्तान की सीमा ईरान, पूर्व और दक्षिण में पाकिस्तान और उत्तर में तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान से मिलती है। उधर देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र से जाने वाला वाखान गलियारा अफगानिस्तान को चीन के शिनजियांग प्रांत से जोड़ता है। सामरिक विशेषज्ञों का कहना है कि तालिबान ने अपना ध्यान अफगान सरकार के संसाधनों के स्रोतों को जाम करने पर टिका रखा है। वह उसके लिए ऊर्जा और यहां तक खाद्य पदार्थों की सप्लाई को बाधित कर देना चाहता है।

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भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन की एक्सपायरी डेट बढ़ाने के लिए DGCI को लिखी चिट्ठी

भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन की एक्सपायरी डेट बढ़ाने के लिए DGCI को लिखी चिट्ठी 

भारत बायोटेक ने अपनी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन की एक्सापयरी डेट बढ़ाने के लिए भारतीय ड्रग नियामक से अनुमति माँगी है.

समाचार एजेंसी पीटीआई ने यह ख़बर सूत्रों के हवाले से दी है.

भारत बायोटेक कोवैक्सीन की एक्सपायरी डेट छह महीने से बढ़ाकर 24 महीने करना चाहती है. कंपनी ने इस बारे में डीजीसीए को चिट्ठी लिखी है.

हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक की बनाई वैक्सीन कोवैक्सीन को छह महीने तक 2-8 डिग्री सेल्सियस पर स्टोर किया जा सकता है.

अब कंपनी ने डीजीसीए को लिखी चिट्ठी में कोवैक्सीन की शेल्फ़ लाइफ़ बढ़ाने का अनुरोध किया है और अपने प्रस्ताव के समर्थन में रियल टाइम डेटा भी दिया है.

इससे पहले डीजीसीआई ने फ़रवरी एस्ट्राजेनेका और सीरम इंस्टिट्यूटकी वैक्सीन कोविशील्ड की एक्सपायरी डेट बढ़ाकर छह महीने से नौ महीने कर दी थी.


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इराक़ के एक अस्पताल में 'ऑक्सीजन टैंक फटने' से 82 लोगों की मौत

इराक़ के एक अस्पताल में 'ऑक्सीजन टैंक फटने' से 82 लोगों की मौत


इराक़ की राजधानी बग़दाद के एक अस्पताल में आग लगने से कम से कम 82 लोगों की मौत हुई है जिनमें कोरोना मरीज़ भी शामिल हैं जबकि 100 से अधिक लोग इस घटना में घायल हुए हैं. बग़दाद के अल ख़तीब अस्पताल में शनिवार रात को आग लग गई.


रिपोर्टों में आग लगने की वजह ऑक्सीजन टैंक का फटना बताया गया है. सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे वीडियो में लोग अस्पताल से भागते हुए और दमकलकर्मी आग बुझाते हुए दिख रहे हैं.

इराक़ के प्रधानमंत्री मुस्तफ़ा अल-कदीमी ने इसे 'दुर्भाग्यपूर्ण घटना' बताते हुए इसकी तुरंत जांच के आदेश दिए हैं. अस्पताल में आग लगने के बाद परिजनों ने अपने मरीज़ों को ढूंढने की कोशिशें शुरू कर दी थीं.

अहमद ज़की नाम के एक शख़्स अपने बीमार भाई को बचाने गए थे. उन्होंने आग शुरू होने की घटना के बारे में बताया है और उन्होंने कुछ मरीज़ों को इस घटना में बचाया भी है.

वो कहते हैं, "शुरुआत में एक धमाका हुआ. दूसरा धमाका दूसरी ओर से हुआ. आग ऐसे फैल रही थी जैसे ईंधन डाल दिया गया हो. धुआं मेरे भाई तक पहुंच गया. मेरा भाई बीमार है, मैं अपने भाई को सड़क पर ले आया. इसके बाद मैं वापस गया. आख़िरी मंज़िल पर आग नहीं थी. मैंने एक लगभग 19 साल की लड़की का दम घुटते देखा वो मरने वाली थी मैं उसे अपने कंधों पर डालकर उतारकर लाया. लोग इधर-उधर कूद रहे थे. डॉक्टर कारों पर गिरे हुए थे. हर कोई कूद रहा था. मैं वापस छत पर जा रहा था और लोगों को नीचे लेकर आ रहा था."


इराक़ के सिविल डिफ़ेंस के प्रमुख मेजर जनरल कदीम बोहान ने सरकारी मीडिया को बताया है कि आग अस्पताल के इंटेंसिव केयर यूनिट से शुरू हुई.

आपातकालीन सेवा कर्मचारियों का कहना है कि अधिकतर लोगों की मौत तब हुई जब उन्हें मशीन से हटाकर बाहर लाया जा रहा था जबकि कुछ लोगों की मौत दम घुटने से हुई है.

फ़रवरी में इराक़ में कोरोन वायरस संक्रमण के मामले शुरू हुए थे और इस सप्ताह देश में 10 लाख से अधिक मामले हो चुके हैं.

इराक़ी स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक़, देश में अब तक 10 लाख से अधिक कोरोना वायरस संक्रमण के मामले आ चुके हैं जबकि 15,217 लोगों की मौत हुई है.

पिछले महीने इराक़ ने अपना कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण शुरू किया था और देश में अब तक साढ़े छह लाख लोग कोरोना की वैक्सीन ले चुके हैं.


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Oxygen Shortage: अस्पतालों में लगाए जाएंगे 551 ऑक्सीजन प्लांट, PM CARES से दिया जाएगा फंड

 

PMO द्वारा जानकारी दी गई कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता को बढ़ाने के पीएम के निर्देश के अनुरूप, पीएम CARES फंड ने सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के अंदर 551 समर्पित Pressure Swing Adsorption Medical Oxygen Generation Plants की स्थापना के लिए धन के आवंटन के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी है।

Oxygen Shortage: अस्पतालों में लगाए जाएंगे 551 ऑक्सीजन प्लांट, PM CARES से दिया जाएगा फंड

देश में कई राज्य कोरोना संकट के बीच ऑक्सीजन की किल्लत को दूर करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा बड़ा फैसला लिया गया है। PMO द्वारा जानकारी दी गई कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता को बढ़ाने के पीएम के निर्देश के अनुरूप, पीएम CARES फंड ने सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के अंदर 551 समर्पित Pressure Swing Adsorption Medical Oxygen Generation Plants की स्थापना के लिए धन के आवंटन के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी है।

PMO द्वारा बताया गया कि पीएम ने निर्देश दिया है कि इन प्लांट्स को जल्द से जल्द कार्यात्मक बनाया जाना चाहिए। ये समर्पित संयंत्र विभिन्न राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में जिला मुख्यालय में चिह्नित सरकारी अस्पतालों में स्थापित किए जाएंगे। PMO ने बताया कि ये खरीद स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के माध्यम से की जाएगी।

PMO के बयान के अनुसार, इन-हाउस कैप्टिव ऑक्सीजन जेनरेशन सुविधा इन अस्पतालों और जिले की दिन-प्रतिदिन की मेडिकल ऑक्सीजन जरूरतों को पूरा करेगी। इसके अलावा, तरल चिकित्सा ऑक्सीजन (LMO) कैप्टिव ऑक्सीजन जनरेशन के लिए "टॉप अप" के रूप में काम करेगा। PMO ने कहा कि इस तरह की प्रणाली लंबे समय तक यह सुनिश्चित करेगी कि जिलों के सरकारी अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति में अचानक व्यवधान का सामना न करना पड़े और COVID-19 रोगियों और अन्य रोगियों के लिए पर्याप्त निर्बाध ऑक्सीजन की आपूर्ति का उपयोग हो।

पीएम केयर्स कोष से इससे पहले से देश के विभिन्न राज्यों के स्वास्थ्य केंद्रों में 162 पीएसए चिकित्सीय ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की स्थापना के लिए 201.58 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। उल्लेखनीय है कि 27 मार्च 2020 को कोविड-19 महामारी जैसी किसी भी तरह की आपातकालीन या संकट की स्थिति से निपटने के प्राथमिक उद्देश्य से एक समर्पित राष्ट्रीय निधि की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए और उससे प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए ‘आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स फंड)’ के नाम से एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट बनाया गया था। 



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Lockdown in Delhi: दिल्ली में एक हफ्ते के लिए बढ़ाया गया लॉकडाउन

 

देश की राजधानी नई दिल्ली में कोरोना संक्रमण के कारण लागू लॉकडाउन को एक हफ्ते के लिए बढ़ा दिया गया। इसकी घोषणा खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने की है।



Lockdown in Delhi: दिल्ली में एक हफ्ते के लिए बढ़ाया गया लॉकडाउन

नई दिल्ली. देश की राजधानी नई दिल्ली में कोरोना संक्रमण के कारण लागू लॉकडाउन को एक हफ्ते के लिए बढ़ा दिया गया। इसकी घोषणा खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने की है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वर्चुअल माध्यम से एक प्रेस कॉन्फ्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली में कोरोना का कहर जारी है, बहुत ज्यादा कोरोना बढ़ गया है। हमने 6 दिन का लॉकडाउन लगाया था जो सोमवार सुबह खत्म हो रहा है, लॉकडाउन जरूरी था और एक तरह से अंतिम हथियार है। अभी भी कोरोना का कहर जारी है और कोरोना कम नहीं हो रहा है। इसलिए सबका मत यही है कि लॉकडाउन को और बढ़ाना चाहिए। इसलिए एक हफ्ते के लिए लॉकडाउन को और बढ़ाया जा रहा है। लॉकडाउन अगले सोमवार सुबर 5 बजे तक रहेगा। संक्रमण की दर 36-37 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है, पिछले 1-2 दिन में कुछ कम हुई है और यह लगभग 29 प्रतिशत है। हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि इससे मुक्ति मिले।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में अभी कम ऑक्सीजन पहुंच रही है, जो बड़ा चिंता का कारण है, हमारे अधिकारी मंत्री सभी लोग रात रात भर सप्लायर्स से ट्रक ड्राइवर से फोन करके कोशिश कर रहे हैं कि समय पर अस्पताल पहुंचे। सारी कोशिशें कामयाब नहीं हुई हैं, कई जगह हम फेल भी हुए लेकिन कई जगहों पर हम कामयाब हुए हैं। जो लोग भी ऑक्सीजन पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं उन सभी का धन्यवाद।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में 700 टन ऑक्सीजन की जरूरत है, हमें केंद्र सरकार से 480 टन ऑक्सीजन आवंटित हुआ है और कल केंद्र सरकार ने 10 टन और आवंटित किया है, अब दिल्ली को 490 टन ऑक्सीजन आवंटित हुआ है। लेकिन अभी ये पूरा आवंटन भी दिल्ली में नहीं आ रहा है, कल 330-335 टन ऑक्सीजन दिल्ली पहुंची।

उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन कम है और उसका मैनेजमेंट जरूरी है, जिसके लिए कल से ठोस कदम उठाना चालू किया गया है। हमने एक पोर्टल बनाया है जिसमें ऑदेश जारी किए हैं कि हर 2 घंटे में ऑक्सीजन मैन्युफैक्चरर्स से लेकर अस्पताल तक अपनी ऑक्सीजन की पोजिशन बतानी पड़ेगी। ताकी सरकार को पता रहे कि कहां कमी आने वाली है। केंद्र से पूरा सहयोग मिल रहा है, दोनों सरकारें मिलकर काम कर रही हैं। आने वाले कुछ दिनों के अंदर यह अफरातफरी का आलम ठीक होना चाहिए ऐसी उम्मीद है।



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केरल मे हथिनी को खिलाया पटाखे से भरा अनानास तड़प -तड़पकर हुई मौत

केरल जैसे शिक्षित राज्य में एक गर्भवती हथिनी मल्लपुरम की सड़कों पर खाने की तलाश में निकलती है। उसे अनन्नास ऑफर किया जाता है। वह मनुष्य पर भरोसा करके खा लेती है। वह नहीं जानती थी कि उसे पटाख़ों से भरा अनन्नास खिलाया जा रहा है। पटाख़े उसके मुँह में फटते हैं। उसका मुँह और जीभ बुरी तरह चोटिल हो जाते हैं। 

मुँह में हुए ज़ख्मों की वजह से वह कुछ खा नहीं पा रही थी। गर्भ के दौरान भूख अधिक लगती है। उसे अपने बच्चे का भी ख़याल रखना था। लेकिन मुँह में ज़ख्म की वजह से वह कुछ खा नहीं पाती है। घायल हथिनी भूख और दर्द से तड़पती हुई सड़कों पर भटकती रही। इसके बाद भी वह किसी भी मनुष्य को नुक़सान नहीं पहुँचाती है, कोई घर नहीं तोड़ती। पानी खोजते हुए वह नदी तक जा पहुँचती है। मुँह में जो आग महसूस हो रही होगी उसे बुझाने का यही उपाय सूझा होगा। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को जब इस घटना के बारे में पता चलता है तो वे उसे पानी से बाहर लाने की कोशिश करते हैं लेकिन हथिनी को शायद समझ आ गया था कि उसका अंत निकट है। और कुछ घंटों बाद नदी में खड़े-खड़े ही वह दम तोड़ देती है।

फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के जिस ऑफिसर के सामने यह घटना घटी उन्होंने दुःख और बेचैनी में इसके बारे में फेसबुक पर लिखा। जिसके बाद यह बात मीडिया में आई। 

पढ़े-लिखे मनुष्यों की सारी मानवीयता क्या सिर्फ मनुष्य के लिए ही हैं? ख़ैर पूरी तरह तो मनुष्यों के लिए भी नहीं। हमारी प्रजाति में तो गर्भवती स्त्री को भी मार देना कोई नई बात नहीं। 

इन पढ़े-लिखे लोगों से बेहतर तो वे आदिवासी हैं जो जंगलों को बचाने के लिए अपनी जान लगा देते हैं। जंगलों से प्रेम करना जानते हैं। जानवरों से प्रेम करना जानते हैं। 

वह ख़बर ज़्यादा पुरानी नहीं हुई है जब अमेज़न के जंगल जले। इन जंगलों में जाने कितने जीव मरे होंगे। ऑस्ट्रेलिया में हज़ारों ऊँट मार दिए गए, यह कहकर कि वे ज़्यादा पानी पीते हैं। कितने ही जानवर मनुष्य के स्वार्थ की भेंट चढ़ते हैं।

भारत में हाथियों की कुल संख्या 20000 से 25000 के बीच है। भारतीय हाथी को विलुप्तप्राय जाति के तौर पर वर्गीकृत किया गया है।

एक ऐसा जानवर जो किसी ज़माने में राजाओं की शान होता था आज अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहा है। धरती का एक बुद्धिमान, समझदार याद्दाश्त में सबसे तेज़, शाकाहारी जीव क्या बिगाड़ रहा है हमारा जो हम उसके साथ ऐसा सलूक कर रहे हैं? 

कोरोना ने हम इंसानों का कच्चा चिट्ठा खोलकर रख दिया है। यह बता दिया है कि हमने प्रकृति के दोहन में हर सीमा लाँघ दी है। लेकिन अब भी हमें अकल नहीं आई। हमारी क्रूरता नहीं गई। मनुष्य इस धरती का सबसे क्रूर और स्वार्थी प्राणी है। 

दुआ है, यह हथिनी इन निकृष्ट मनुष्यों के बीच फिर कभी जन्म ना ले। उसे सद्गति प्राप्त हो
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झुंझुनूं की बड़ी खबर

झुंझुनूं में 17 वे दिन आए दो नए केस, आंकड़ा पहुंचा 44 पर , बिसाऊ में दो पॉजिटिव


झुंझुनूं जिले के बिसाऊ से बड़ी खबर है। बिसाऊ के दो युवक कोरोना पॉजिटिव मिले । प्रारंभिक जानकारी में सामने आया है कि ये दोनों युवक उसी बस में सवार थे । जिसमें चूरू में मिले दो पॉजिटिव थे  और ये भी सूरत से आए थे । इस बस में बिसाऊ के 11 जनें थे । जिसमें से ये दो युवक पॉजिटव मिले है जिसकी पुष्टि सीएमएचओ डॉ.प्रतापसिंह दूतड़  तथा पीएमओ डॉ. शुभकरण कालेर ने की है। आपको बता दें कि सूरत से बड़ी संख्या में लोग बिसाऊ व चूरू आए थे । इनमें से 39 जनों के सैंपल झुंझुनू से भिजवाए गये थे। इन दो पॉजिटिव केस के बाद झुंझुनूं का आंकड़ा 42 से बढ़कर 44 पर पहुंच गया हैं।
दिनांक:12 मई, 2020
समय: सुबह10:40 बजे
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झुंझुनूं की बड़ी खबर: दो और पॉजिटिव के आए आमने , आंकड़ा पहुंचा 46 पर

दो और पॉजिटिव के आए आमने , आंकड़ा पहुंचा 46 पर

झुंझुनूं में आज सुबह बिसाऊ निवासी दो कोरोना पॉजिटिव सामने आए थे । इसके बाद अब दो और पॉजिटिव के सामने आए है । सीएमएचओ डॉ. प्रताप सिंह दूतड़  और पीएमओ डॉ. शुभकरण कालेर ने बताया कि इसमें से एक बिसाऊ का और एक नवलगढ़ क्षेत्र के दुर्जनपुरा का पॉजिटिव केस शामिल है । बिसाऊ का जो आज तीसरा केस सामने आया है । यह भी वार्ड नंबर 23 का ही है। संभावना है कि यह उन 11 लोगो में ही शामिल है । जो दो लोग चूरू में पॉजिटिव मिले थे । इसी बस में सवार बिसाऊ के दो लोग सुबह पॉजिटिव आए थे । वही जो अब एक केस आया है । यह भी उसी बस में उनके  साथ आने की संभावना है। नवलगढ़ क्षेत्र का पॉजिटिव व्यक्ति दिल्ली से आया था । दो और नए पॉजिटिव केस की पुष्टि सीएमएचओ और पीएमओ, दोनो ने कर दी है। इसके बाद अब झुंझुनूं में आंकड़ा46 पर पहुंच गया हैं।
दिनांक 12 मई 2020, समय शाम 7:05 बजे
खबर शुरुवाती जानकारी के अनुसार, अंतिम समय तक मामूली फेरबदल संभव
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कोरोना वायरस के क्या हैं लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव

दुनिया भर में कोरोना वायरस से अब तक दो लाख73 हज़ार से ज़्यादालोगों की जान जा चुकी है. साथ ही संक्रमण के मामले भी बढ़कर 39 लाख सेज़्यादाहो गए हैं.
इस वायरस से संक्रमित मरीज़ों में ब्रितानी प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भी शामिल थे, लेकिन इलाज के बाद वो ठीक हो चुके हैं और अब काम पर लौट गए हैं.
हम आपको यहां बता रहे हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण कैसे फैलता है और इससे बचने के लिए आप क्या-क्या कर सकते हैं.
कोरोना वायरस आपके फेफड़ों को संक्रमित करता है. इसके दो मूल लक्षण होते हैं बुख़ार और सूखी खांसी. कई बार इसके कारण व्यक्ति को सांस लेने में भी दिक्कत पेश आती है.
कोरोना के कारण होने वाली खांसी आम खांसी नहीं होती. इस कारण लगातार खांसी हो सकती है यानी आपको एक घंटे या फिर उससे अधिक वक्त तक लगातार खांसी हो सकती है और 24 घंटों के भीतर कम से कम तीन बार इस तरह के दौरे पड़ सकते हैं. लेकिन अगर आपको खांसी में बलग़म आता है तो ये चिंता की बात हो सकती है.
इस वायरस के कारण शरीर का तापमान 37.8 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है जिस कारण व्यक्ति का शरीर गर्म हो सकता है और उसे ठंडी महसूस हो सकती है. व्यक्ति को शरीर में कंपकंपी भी महसूस हो सकती है.
इसके कारण गले में खराश, सिरदर्द और डाएरिया भी हो सकता है. हाल में आए एक ताज़ा शोध के अनुसार कुछ खाने पर स्वाद महसूस न होना और किसी चीज़ की गंध का महसूस न होना भी कोरोना वायरस का लक्षण हो सकता है.
माना जा रहा है कोरोना वायरस के लक्षण दिखना शुरु होने में औसतन पांच दिन का वक्त लग सकता है लेकिन कुछ लोगों में ये वक्त कम भी हो सकता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार वायरस के शरीर में पहुंचने और लक्षण दिखने के बीच 14 दिनों तक का समय हो सकता है.

कब होती है अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत?

जिन लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण है उनमें से अधिकतर लोग आराम करने और पैरासिटामॉल जैसी दर्द कम करने की दवा लेने से ठीक हो सकते हैं.
अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत तब होती है जब व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत आनी शुरू हो जाए. मरीज़ के फेफड़ों की जांच कर डॉक्टर इस बात का पता लगाते हैं कि संक्रमण कितना बढ़ा है और क्या मरीज़ को ऑक्सीजन या वेंटिलेटर की ज़रूरत है.
लेकिन इसमें मरीज़ को अस्पताल के आपात विभाग यानी ऐक्सीडंट ऐंड इमर्जेंसी में भर्ती होने की ज़रूरत नहीं होती.
भारत में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की वेबसाइट पर कोरोना संक्रमण से जुड़ी हर जानकारी दी गई है. ब्रितानी नागरिक एनएचएस111 की वेबसाइट पर कोरोना से जुड़ी सभी जानकारी ले सकते हैं.
अगर मरीज़ को सांस लेने में काफी परेशानी हो रही है तो वो भारत सरकार के हेल्पलाइन नंबर +91-11-23978046 या फिर 24 घंटों चलने वाले टोल फ्री नंबर 1075 पर संपर्क कर सकते हैं. देश के विभिन्न राज्यों ने भी नागरिकों के लिए हेल्पलाइन शुरु किए हैं जहां ज़रूरत पड़ने पर फ़ोन किया जा सकता है.
वहीं ब्रिटेन में इमर्जेंसी की स्थिति में व्यक्ति 999 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं.

इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) में क्या होता है?

इंटेंसिव केयर यूनिट अस्पताल के ख़ास वार्ड होते हैं जहां गंभीर रूप से बीमार मरीज़ों को रखा जाता है.
यहां कोरोना वायरस के मरीज़ों के ऑक्सीजन की ज़रूरत को मुंह पर ऑक्सीजन मास्क लगा कर या फिर नाक में ट्यूब के ज़रिए पूरा किया जाता है.
जो लोग गंभीर रूप से बीमार हैं उन्हं वेंटिलेटर पर रखा जाता है. यहां सीधे फेफड़ों तक ऑक्सीजन की अधिक सप्लाई पहुंचाई जाती है. इसके लिए मरीज़ के मुंह में ट्यूब लगाया जाता है या फिर नाक या गले में चीरा लगा कर वहां से फेफड़ों में ऑक्सीजन दिया जाता है.

कितना घातक है कोरोना वायरस?

कोरोना वायरस के संक्रमण के आँकड़ों की तुलना में मरने वालों की संख्या को देखा जाए तो ये बेहद कम हैं. हालांकि इन आंकड़ों पर पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता, लेकिन आंकड़ों की मानें तो संक्रमण होने पर मृत्यु की दर केवल एक से दो फ़ीसदी हो सकती है.
फ़िलहाल कई देशों में इससे संक्रमित हज़ारों लोगों का इलाज चल रहा है और मरने वालों का आँकड़ा बढ़ भी सकता है.
56,000 संक्रमित लोगों के बारे में एकत्र की गई जानकारी आधारित विश्व स्वास्थ्य संगठन का एक अध्ययन बताता है कि -
  • 6 फ़ीसदी लोग इस वायरस के कारण गंभीर रूप से बीमार हुए. इनमें फेफड़े फेल होना, सेप्टिक शॉक, ऑर्गन फेल होना और मौत का जोखिम था.
  • 14 फ़ीसदी लोगों में संक्रमण के गंभीर लक्षण देखे गए. इनमें सांस लेने में दिक्क़त और जल्दी-जल्दी सांस लेने जैसी समस्या हुई.
  • 80 फ़ीसदी लोगों में संक्रमण के मामूली लक्षण देखे गए, जैसे बुखार और खांसी. कइयों में इसके कारण निमोनिया भी देखा गया.
  • कोरोना वायरस संक्रमण के कारण बूढ़ों और पहले से ही सांस की बीमारी (अस्थमा) से परेशान लोगों, मधुमेह और हृदय रोग जैसी परेशानियों का सामना करने वालों के गंभीर रूप से बीमार होने की आशंका अधिक होती है.
    कोरोना वायरस का इलाज इस बात पर आधारित होता है कि मरीज़ के शरीर को सांस लेने में मदद की जाए और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाए ताकि व्यक्ति का शरीर ख़ुद वायरस से लड़ने में सक्षम हो जाए.
    कोरोना वायरस का टीका बनाने का काम अभी चल रहा है.

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कोरोना संक्रमण: रेल टिकटों के लिए मारामारी, जल्द शुरू हो सकता है हवाई सफ़र

कोरोना संक्रमण की वजह से पनपे हालात से सामान्य जीवन की ओर लौटने की तमाम कोशिशें जारी हैं. इस बीच मंगलवार से शुरू हो रही रेल सेवा में टिकट बुकिंग के लिए काफ़ी मारा-मारी दिखी.
द इंडियन एक्सप्रेस की एक ख़बर के मुताबिक, ट्रेनों को पूरी क्षमता के साथ चलाया जाएगा. यह यात्रियों पर निर्भर करेगा कि वो सोशल डिस्टेंसिंग को कैसे बरकरार रखते हैं और ट्रेनों के गंतव्य स्टेशन पहुंचने पर यह जिम्मेदारी राज्यों की होगी कि वो क्या प्रोटोकॉल अपनाते हैं.
सोमवार को टिकट बुकिंग शुरू होने के 20 मिनट में ही हावड़ा-नई दिल्ली के बीच चलने वाली ट्रेन के टिकट अगले पांच दिनों के लिए भी बिक गए. यही हाल मुंबई-नईदिल्ली रूट पर चलने वाली ट्रेन का भी रहा.
रेलवे के एक प्रवक्ता के हवाले से अख़बार ने लिखा, "रात में सवा नौ बजे तक 30 हज़ार पीएनआर जनरेट हो चुके थे और अब तक करीब 54000 यात्रियों ने रिजर्वेशन किया है."
हालांकि तकनीकी समस्या की वजह से बुकिंग को कुछ घंटों के लिए रोकना भी पड़ा. सोमवार को प्रधानमंत्री के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कई मुख्यमंत्रियों ने इस वक़्त ट्रेन चलाए जाने को लेकर चिंता जाहिर की है.
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WHO ने दी चेतावनी, कोरोना से बचना है तो छोड़नी होंगी ये चीजें

दुनिया भर में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का आंकड़ा 537,873 तक पहुंच चुका है

नई दिल्ली: दुनिया भर में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का आंकड़ा 537,873 तक पहुंच चुका है. वहीं इस संक्रमण से मरने वाले लोगों की संख्या 24,149 हो गई है. ये आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे हैं और साथ ही लोगों में डर भी बढ़ रहा है.
भारत समेत कई देशों में लॉकडाउन किया जा चुका है और लोगों को कोरोना से बचने के लिए सरकारें और संबंधित विभाग समय-समय पर एडवाइजरी जारी कर रहे हैं. वहीं लोगों के मन में भी इससे जुड़े कई सवाल लगातार आ रहे हैं. ऐसा ही एक सवाल है कि क्या धूम्रपान या तंबाकू का सेवन करने वाले लोगों में कोरोना के संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञ बताते हैं कि धूम्रपान करने वाले लोगों में बाकी लोगों के मुकाबले संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा होता है. इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि सिगरेट या बीड़ी, जो कि संक्रमित भी हो सकती है, उंगलियों और होठों के सीधे संपर्क में आती है. इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा, हुक्का, सिगार या ई-सिगरेट का सेवन करने वालों के लिए भी ये खतरनाक साबित हो सकता है.
अमेरिका के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ड्रग ऐब्यूज़ की डायरेक्टर डॉ नोरा वॉलकोव का कहना है कि क्योंकि ये वायरस सीधा फेफड़ों पर हमला करता है, इसलिए धूम्रपान करने वाले लोगों के लिए ये एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है. धूम्रपान करने से फेफड़ों की कोशिकाएं कमजोर पड़ जाती हैं, जिससे उनमें इंफेक्शन से लड़ने की ताकत नहीं रह जाती.
हालांकि कोरोना के मरीजों में धूम्रपान से संबंधित ऐसे आंकड़े अभी सामने नहीं आए हैं, लेकिन माहामारी के इस समय में स्वास्थ्य विशेषज्ञ यही सलाह देते हैं कि लोग धूम्रपान से बचें.
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Coronavirus: 24 घंटे में नए मामलों का टूटा रिकॉर्ड, सामने आए 4200 से ज्यादा कोरोना के नए मरीज

आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना पीड़ितों की संख्या 67 हजार 152 हो गई है. इनमें से 44 हजार 29 लोग अभी भी कोविड-19 संक्रमण से ग्रस्त हैं.



नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के चलते 2200 से अधिक मौतों के साथ ही संक्रमित मरीजों की संख्या 67 हजार के पार पहुंच गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में कोरोना के सबसे ज्यादा 4 हजार 213 नए मरीज सामने आए हैं जबकि 97 लोगों की मौत हो गई है. इससे पहले 24 घंटे में सबसे ज्यादा नए मामलों की संख्या 3900 थी. 
आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना पीड़ितों की संख्या 67 हजार 152 हो गई है. इनमें से 44 हजार 29 लोग अभी भी कोविड-19 संक्रमण से ग्रस्त हैं, जबकि उपचार के बाद पूर्ण रूप से स्वस्थ हुए कुल 20 हजार 917 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. वहीं मरने वालों का कुल आंकड़ा 2206 है. 
एक ओर जहां महाराष्ट्र में कोविड-19 संक्रमण के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं, वहीं अब अंडमान निकोबार, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मणिपुर और मिजोरम में महामारी के कोई मामले नहीं हैं. 
महारष्ट्र में अब तक 22 हजार 171 लोगों के कोरोना से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. जबकि 4 हजार के करीब मरीज महामारी से पृरी तरह स्वस्थ हो गए हैं. हालांकि, 832 लोगों की मृत्यु के साथ ही राज्य में मौतों के आंकड़ों में भी लगातार बढ़ोत्तरी देखी जा रही है.
दूसरी ओर गुजरात मे भी संक्रमण चिंता का विषय बना हुआ है. यहां 8 हजार 194 लोग कोरोना से प्रभावित हैं, जिनमें से 2 हजार 11 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किया जा चुका है. राज्य में मौत की संख्या 493 हो गई है. 
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार सुबह तक 6 हजार 924 लोग कोविड-19 संक्रमण से ग्रसित पाए गए हैं. जबकि मरने वालों की संख्या 73 हो गई है.
इधर, कोरोना संकट के बीच 5वीं बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से 'मन की बात' करने जा रहे हैं. आज दोपहर 3 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत होगी. जानकारों की मानें तो इस बैठक में 17 मई के बाद की रणनीति और लॉकडाउन में दिए गए छूट के असर पर चर्चा की जा सकती है. आने वाले समय में लॉकडाउन को लेकर इस बैठक के बाद अहम फैसले लिए जा सकते हैं.
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कल से चलने वाली ट्रेनों में यात्रियों को रेलवे नहीं देगी ये सुविधाएं, जानें 'क्या करें और क्या ना करें'

भारतीय रेल (Indian Rail) ने रविवार को कहा कि उसकी योजना 12 मई से चरणबद्ध तरीके से यात्री ट्रेन सेवाएं शुरू करने की है, और शुरुआत में चुनिंदा मार्गों पर 15 जोड़ी ट्रेनें (अप-एंड-डाउन मिलाकर 30 ट्रेनें) चलायी जाएंगी.



नई दिल्ली: भारतीय रेल (Indian Rail) ने रविवार को कहा कि उसकी योजना 12 मई से चरणबद्ध तरीके से यात्री ट्रेन सेवाएं शुरू करने की है, और शुरुआत में चुनिंदा मार्गों पर 15 जोड़ी ट्रेनें (अप-एंड-डाउन मिलाकर 30 ट्रेनें) चलायी जाएंगी. साथ ही रेलवे ने कहा कि इन ट्रेनों में सीटें आरक्षित कराने वाले यात्रियों को प्रस्थान के समय से कम से कम एक घंटा पहले रेलवे स्टेशन पहुंचना होगा.

अधिकारियों ने बताया कि आरक्षण के दौरान प्राप्त टिकटों पर 'क्या करें और क्या ना करें' स्पष्ट रूप से लिखा होगा. उसमें दिशा-निर्देश भी शामिल होंगे, जैसे- कम से कम एक घंटा पहले रेलवे स्टेशन पहुंचना, प्रस्थान बिंदु पर मेडिकल जांच, कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण से जुड़े अन्य प्रोटोकॉल, मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग तथा आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना आदि.
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उसने कहा कि सिर्फ वैध आरक्षित टिकटधारकों को रेलवे स्टेशन में प्रवेश की अनुमति होगी. उसने कहा कि यात्रियों के लिए प्रस्थान बिंदु पर मास्क पहनना और स्वास्थ्य जांच अनिवार्य होगी. सिर्फ उन्हीं लोगों को ट्रेन में चढ़ने की अनुमति होगी जिनमें वायरस से संक्रमण के कोई लक्षण नजर नहीं आएंगे. अधिकारियों ने बताया कि यात्रा के दौरान ट्रेन बेहद कम स्टेशनों पर रुकेगी.
अधिकारियों ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण फैलने से रोकने के लिए इन ट्रेनों में यात्रा करने वालों को कंबल, चादर और तौलिया आदि नहीं दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इन ट्रेनों में वातानुकूलन के लिए विशेष नियम होंगे. तापमान सामान्य दिनों के मुकाबले थोड़ा ज्यादा रखा जाएगा और डिब्बों के भीतर ज्यादा से ज्यादा ताजा हवा की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी.
भारतीय रेल ने कहा कि शुरुआत में सभी 15 राजधानी ट्रेनों के मार्गों पर वातानुकुलित सेवाएं शुरु होंगी और उनका किराया सुपर-फास्ट ट्रेनों के समान होगा.
ये विशेष ट्रेनें नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन से चलेंगी और डिब्रूगढ़, अगरतला, हावड़ा, पटना, बिलासपुर, रांची, भुवनेश्वर, सिकंदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, मडगांव, मुंबई सेंट्रल, अहमदाबाद और जम्मू-तवी को जाएंगी.
अधिकारी ने बताया कि श्रमिक ट्रेनों से उलट इन ट्रेनों के डिब्बों में सभी 72 सीटों पर बुकिंग होगी और इनके किराए में किसी भी प्रकार की छूट की संभावना भी नहीं है. गौरतलब है कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में एक डिब्बे में अधिकतम 54 यात्रियों को यात्रा करने की अनुमति है.
कोविड-19 राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण 25 मार्च से ही सभी यात्री ट्रेन सेवाएं बंद हैं.
इन ट्रेनों में आरक्षण के लिए बुकिंग 11 मई शाम चार बजे से शुरू होगी. बुकिंग सिर्फ आईआरसीटीसी की वेबसाइट के जरिए की जा सकेगी.
भारतीय रेल का कहना है कि इन 15 जोड़ी ट्रेनों के बाद वह अन्य मार्गों पर भी विशेष ट्रेनें चलाएगी. उसका कहना है कि 20,000 डिब्बे कोविड-19 देखभाल केन्द्र के रूप में आरक्षित करने और प्रवासी श्रमिकों को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए रोजाना करीब 300 ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनें चलाने के लिए डिब्बे आरक्षित रखने के बाद कोचों की उपलब्धता के आधार पर अन्य मार्गों पर यात्री सेवाएं बहाल की जाएंगी.
भारतीय रेल ने कहा कि स्टेशनों पर टिकट बुकिंग खिड़की बंद रहेगी, प्लेटफॉर्म टिकट सहित कोई काउंटर टिकट जारी नहीं होगा.
यह पूछने पर कि 17 मई को लॉकडाउन समाप्त होने पर यात्री ट्रेन सेवाओं की क्या स्थिति रहेगी, अधिकारियों ने कहा कि इसके बावजूद सेवाएं चरणबद्ध तरीके से शुरू की जाएंगी.





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अगले 24 घंटे में पूर्वी राजस्थान में भारी बारिश की चेतावनी, पश्चिम में धीमा हुआ बारिश का दौर

प्रदेश के पश्चिमी इलाकों में बीते तीन चार दिन रहा मूसलाधार बारिश का दौर अब धीमा पडऩे लगा है। हालांकि पश्चिमी जिलों में बारिश धीमी पडऩे पर जनजीवन पटरी पर लौटने लगा है लेकिन अब भी कई जगहों पर निचले इलाकों में बस्तियां जलमग्न होने से हालात ​हैं। जोधपुर, पाली और जालोर में बीते चौबीस घंटे में बारिश का दौर धीमा रहा। कुछ स्थानों पर छिटपुट बौछारें गिरीं।



मौसम विज्ञान केंद्र ने प्रदेश के उत्तरी हिस्सों में बन रहे ऊपरी हवाओं के चक्रवाती परिसंचार तंत्र के प्रभाव से अगले चौबीस घंटे में पूर्वी भागों में कहीं कहीं भारी बारिश होने की चेतावनी देते हुए रेड अलर्ट जारी किया है।

खुले रहे बीसलपुर के गेट
जोधपुर और पाली में कुछ जगहों पर हल्की बारिश हुई। जवाहर सागर से हो रही पानी की निकासी के चलते आज सुबह कोटा बैराज के तीन गेट पांच फीट ऊंचाई तक खोलकर करीब 14 हजार क्यूसेक पानी चंबल में छोड़ा जा रहा है। बीती रात दस बजे बीसलपुर बांध के छह गेट खोलकर पानी की निकासी की गई। बीसलपुर बांध क्षेत्र और मोतीसागर में हुई तेज बारिश से बांध में पानी की आवक बढऩे पर आज सुबह छह बजे एक और गेट खोला गया इस तरह से कुल सात गेट तीन से चार मीटर ऊंचाई तक खोलकर करीब एक लाख क्यूसेक पानी की निकासी लगातार हो रही है। आज सुबह बांध का जलस्तर 315.29 आरएल मीटर रहा है। बीसलपुर बांध पर 76 और मोतीसागर में 85 मिमी बारिश हुई।


बारिश ने रोकी रफ्तार, थम गया शहर


जयपुर में छितराई बारिश
राजधानी जयपुर में शुक्रवार सुबह भी बादलों का जमावड़ा रहा। बीती शाम शहर के कई इलाकों में छितराई बारिश का दौर रहा। कोटपूतली 13, चाकसू 11, सांभर 15, फुलेरा 7 और सांगानेर में 9 मिमी बारिश मापी गई। शहर में बादलों की आवाजाही और रुक-रुक कर चल रहे बारिश के दौर से रात और दिन के तापमान में गिरावट दर्ज हुई है। आज शहर का न्यूनतम तापमान 22.5 डिग्री रहा। वहीं अनुसार प्रदेश में अगले चौबीस घंटे में जिले के कई इलाकों में बारिश होने की संभावना जताई है।
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Priyanka Gandhi involved in picking UP candidates

 MEERUT: With Congress president Sonia Gandhi suffering from ill health, her daughter Priyanka Gandhi Vadra has emerged the de facto leader of the party's campaign for the 2017 Uttar Pradesh assembly polls.


Senior leaders in Congress told TOI on Thursday that the party had prepared a list of 80 candidates for the polls, most of whom were cleared by Priyanka. 
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दिल्ली में अब सरकार के तय किए किराए पर चलेंगी Ola, Uber जैसी रेडियो टैक्सियां



राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रेडियो टैक्सी से सफर करने वाले लोगों के लिए खुशखबरी है. ओला और उबर जैसी रेडियो टैक्सी कंपनियां अब यात्रियों से दिल्ली सरकार द्वारा निर्धारित किए गए किराए से ज्यादा नहीं वसूल सकेंगी. दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को सरकार के निर्धारित किराए पर अमल करने के लिए टैक्सी कंपिनयों को 10 दिन का वक्त दिया है.
कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि 22 अगस्त के बाद निर्धारित किराए से अधि‍क लेना गैरकानूनी होगा. हाई कोर्ट ने ओला और उबर से कहा की वो दिल्ली सरकार के नोटिफिकेशेन के हिसाब से ही यात्रियों से पैसा ले. इसे अमल में लाने के लिए 21 अगस्त तक का वक्त दिया गया है.
तीन महीने में देशभर के लिए स्कीम बनाने के निर्देश
हाई कोर्ट ने इसके साथ ही सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को तीन माह में देशभर के लिए मॉडल स्कीम लाने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने आईटी विभाग के सचिव, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव स्तर के अधिकारी और दिल्ली पुलिस के उपायुक्त को पैनल में शामिल करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि यह पैनल सुरक्षा और पर्यावरण के मद्देनजर पॉलिसी लाए.
पॉलिसी बनाने में इनकी ली जाएगी मदद
कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी 3 महीने में एक पॉलिसी बनाने को कहा है, जिसमें ये तय किया जाए कि दिल्ली-एनसीआर में टैक्सी किन दिशा-निर्देश पर चलनी चाहिए. कोर्ट ने केंद्र को इस पॉलिसी निर्माण की प्रक्रिया में पुलिस, पर्यावरणविद, दिल्ली सरकार, टैक्सी कंपनियों समेत तमाम उन विभागों और लोगों को शामिल करने को कहा है, जो अनुभव, सुझाव या विचार से 
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