इराक़ के एक अस्पताल में 'ऑक्सीजन टैंक फटने' से 82 लोगों की मौत
इराक़ की राजधानी बग़दाद के एक अस्पताल में आग लगने से कम से कम 82 लोगों की मौत हुई है जिनमें कोरोना मरीज़ भी शामिल हैं जबकि 100 से अधिक लोग इस घटना में घायल हुए हैं. बग़दाद के अल ख़तीब अस्पताल में शनिवार रात को आग लग गई.
रिपोर्टों में आग लगने की वजह ऑक्सीजन टैंक का फटना बताया गया है. सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे वीडियो में लोग अस्पताल से भागते हुए और दमकलकर्मी आग बुझाते हुए दिख रहे हैं.
इराक़ के प्रधानमंत्री मुस्तफ़ा अल-कदीमी ने इसे 'दुर्भाग्यपूर्ण घटना' बताते हुए इसकी तुरंत जांच के आदेश दिए हैं. अस्पताल में आग लगने के बाद परिजनों ने अपने मरीज़ों को ढूंढने की कोशिशें शुरू कर दी थीं.
अहमद ज़की नाम के एक शख़्स अपने बीमार भाई को बचाने गए थे. उन्होंने आग शुरू होने की घटना के बारे में बताया है और उन्होंने कुछ मरीज़ों को इस घटना में बचाया भी है.
वो कहते हैं, "शुरुआत में एक धमाका हुआ. दूसरा धमाका दूसरी ओर से हुआ. आग ऐसे फैल रही थी जैसे ईंधन डाल दिया गया हो. धुआं मेरे भाई तक पहुंच गया. मेरा भाई बीमार है, मैं अपने भाई को सड़क पर ले आया. इसके बाद मैं वापस गया. आख़िरी मंज़िल पर आग नहीं थी. मैंने एक लगभग 19 साल की लड़की का दम घुटते देखा वो मरने वाली थी मैं उसे अपने कंधों पर डालकर उतारकर लाया. लोग इधर-उधर कूद रहे थे. डॉक्टर कारों पर गिरे हुए थे. हर कोई कूद रहा था. मैं वापस छत पर जा रहा था और लोगों को नीचे लेकर आ रहा था."
इराक़ के सिविल डिफ़ेंस के प्रमुख मेजर जनरल कदीम बोहान ने सरकारी मीडिया को बताया है कि आग अस्पताल के इंटेंसिव केयर यूनिट से शुरू हुई.
आपातकालीन सेवा कर्मचारियों का कहना है कि अधिकतर लोगों की मौत तब हुई जब उन्हें मशीन से हटाकर बाहर लाया जा रहा था जबकि कुछ लोगों की मौत दम घुटने से हुई है.
फ़रवरी में इराक़ में कोरोन वायरस संक्रमण के मामले शुरू हुए थे और इस सप्ताह देश में 10 लाख से अधिक मामले हो चुके हैं.
इराक़ी स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक़, देश में अब तक 10 लाख से अधिक कोरोना वायरस संक्रमण के मामले आ चुके हैं जबकि 15,217 लोगों की मौत हुई है.
पिछले महीने इराक़ ने अपना कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण शुरू किया था और देश में अब तक साढ़े छह लाख लोग कोरोना की वैक्सीन ले चुके हैं.