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झुंझुनूं की बड़ी खबर

झुंझुनूं में 17 वे दिन आए दो नए केस, आंकड़ा पहुंचा 44 पर , बिसाऊ में दो पॉजिटिव


झुंझुनूं जिले के बिसाऊ से बड़ी खबर है। बिसाऊ के दो युवक कोरोना पॉजिटिव मिले । प्रारंभिक जानकारी में सामने आया है कि ये दोनों युवक उसी बस में सवार थे । जिसमें चूरू में मिले दो पॉजिटिव थे  और ये भी सूरत से आए थे । इस बस में बिसाऊ के 11 जनें थे । जिसमें से ये दो युवक पॉजिटव मिले है जिसकी पुष्टि सीएमएचओ डॉ.प्रतापसिंह दूतड़  तथा पीएमओ डॉ. शुभकरण कालेर ने की है। आपको बता दें कि सूरत से बड़ी संख्या में लोग बिसाऊ व चूरू आए थे । इनमें से 39 जनों के सैंपल झुंझुनू से भिजवाए गये थे। इन दो पॉजिटिव केस के बाद झुंझुनूं का आंकड़ा 42 से बढ़कर 44 पर पहुंच गया हैं।
दिनांक:12 मई, 2020
समय: सुबह10:40 बजे
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झुंझुनूं की बड़ी खबर: दो और पॉजिटिव के आए आमने , आंकड़ा पहुंचा 46 पर

दो और पॉजिटिव के आए आमने , आंकड़ा पहुंचा 46 पर

झुंझुनूं में आज सुबह बिसाऊ निवासी दो कोरोना पॉजिटिव सामने आए थे । इसके बाद अब दो और पॉजिटिव के सामने आए है । सीएमएचओ डॉ. प्रताप सिंह दूतड़  और पीएमओ डॉ. शुभकरण कालेर ने बताया कि इसमें से एक बिसाऊ का और एक नवलगढ़ क्षेत्र के दुर्जनपुरा का पॉजिटिव केस शामिल है । बिसाऊ का जो आज तीसरा केस सामने आया है । यह भी वार्ड नंबर 23 का ही है। संभावना है कि यह उन 11 लोगो में ही शामिल है । जो दो लोग चूरू में पॉजिटिव मिले थे । इसी बस में सवार बिसाऊ के दो लोग सुबह पॉजिटिव आए थे । वही जो अब एक केस आया है । यह भी उसी बस में उनके  साथ आने की संभावना है। नवलगढ़ क्षेत्र का पॉजिटिव व्यक्ति दिल्ली से आया था । दो और नए पॉजिटिव केस की पुष्टि सीएमएचओ और पीएमओ, दोनो ने कर दी है। इसके बाद अब झुंझुनूं में आंकड़ा46 पर पहुंच गया हैं।
दिनांक 12 मई 2020, समय शाम 7:05 बजे
खबर शुरुवाती जानकारी के अनुसार, अंतिम समय तक मामूली फेरबदल संभव
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कोरोना वायरस के क्या हैं लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव

दुनिया भर में कोरोना वायरस से अब तक दो लाख73 हज़ार से ज़्यादालोगों की जान जा चुकी है. साथ ही संक्रमण के मामले भी बढ़कर 39 लाख सेज़्यादाहो गए हैं.
इस वायरस से संक्रमित मरीज़ों में ब्रितानी प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भी शामिल थे, लेकिन इलाज के बाद वो ठीक हो चुके हैं और अब काम पर लौट गए हैं.
हम आपको यहां बता रहे हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण कैसे फैलता है और इससे बचने के लिए आप क्या-क्या कर सकते हैं.
कोरोना वायरस आपके फेफड़ों को संक्रमित करता है. इसके दो मूल लक्षण होते हैं बुख़ार और सूखी खांसी. कई बार इसके कारण व्यक्ति को सांस लेने में भी दिक्कत पेश आती है.
कोरोना के कारण होने वाली खांसी आम खांसी नहीं होती. इस कारण लगातार खांसी हो सकती है यानी आपको एक घंटे या फिर उससे अधिक वक्त तक लगातार खांसी हो सकती है और 24 घंटों के भीतर कम से कम तीन बार इस तरह के दौरे पड़ सकते हैं. लेकिन अगर आपको खांसी में बलग़म आता है तो ये चिंता की बात हो सकती है.
इस वायरस के कारण शरीर का तापमान 37.8 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है जिस कारण व्यक्ति का शरीर गर्म हो सकता है और उसे ठंडी महसूस हो सकती है. व्यक्ति को शरीर में कंपकंपी भी महसूस हो सकती है.
इसके कारण गले में खराश, सिरदर्द और डाएरिया भी हो सकता है. हाल में आए एक ताज़ा शोध के अनुसार कुछ खाने पर स्वाद महसूस न होना और किसी चीज़ की गंध का महसूस न होना भी कोरोना वायरस का लक्षण हो सकता है.
माना जा रहा है कोरोना वायरस के लक्षण दिखना शुरु होने में औसतन पांच दिन का वक्त लग सकता है लेकिन कुछ लोगों में ये वक्त कम भी हो सकता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार वायरस के शरीर में पहुंचने और लक्षण दिखने के बीच 14 दिनों तक का समय हो सकता है.

कब होती है अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत?

जिन लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण है उनमें से अधिकतर लोग आराम करने और पैरासिटामॉल जैसी दर्द कम करने की दवा लेने से ठीक हो सकते हैं.
अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत तब होती है जब व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत आनी शुरू हो जाए. मरीज़ के फेफड़ों की जांच कर डॉक्टर इस बात का पता लगाते हैं कि संक्रमण कितना बढ़ा है और क्या मरीज़ को ऑक्सीजन या वेंटिलेटर की ज़रूरत है.
लेकिन इसमें मरीज़ को अस्पताल के आपात विभाग यानी ऐक्सीडंट ऐंड इमर्जेंसी में भर्ती होने की ज़रूरत नहीं होती.
भारत में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की वेबसाइट पर कोरोना संक्रमण से जुड़ी हर जानकारी दी गई है. ब्रितानी नागरिक एनएचएस111 की वेबसाइट पर कोरोना से जुड़ी सभी जानकारी ले सकते हैं.
अगर मरीज़ को सांस लेने में काफी परेशानी हो रही है तो वो भारत सरकार के हेल्पलाइन नंबर +91-11-23978046 या फिर 24 घंटों चलने वाले टोल फ्री नंबर 1075 पर संपर्क कर सकते हैं. देश के विभिन्न राज्यों ने भी नागरिकों के लिए हेल्पलाइन शुरु किए हैं जहां ज़रूरत पड़ने पर फ़ोन किया जा सकता है.
वहीं ब्रिटेन में इमर्जेंसी की स्थिति में व्यक्ति 999 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं.

इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) में क्या होता है?

इंटेंसिव केयर यूनिट अस्पताल के ख़ास वार्ड होते हैं जहां गंभीर रूप से बीमार मरीज़ों को रखा जाता है.
यहां कोरोना वायरस के मरीज़ों के ऑक्सीजन की ज़रूरत को मुंह पर ऑक्सीजन मास्क लगा कर या फिर नाक में ट्यूब के ज़रिए पूरा किया जाता है.
जो लोग गंभीर रूप से बीमार हैं उन्हं वेंटिलेटर पर रखा जाता है. यहां सीधे फेफड़ों तक ऑक्सीजन की अधिक सप्लाई पहुंचाई जाती है. इसके लिए मरीज़ के मुंह में ट्यूब लगाया जाता है या फिर नाक या गले में चीरा लगा कर वहां से फेफड़ों में ऑक्सीजन दिया जाता है.

कितना घातक है कोरोना वायरस?

कोरोना वायरस के संक्रमण के आँकड़ों की तुलना में मरने वालों की संख्या को देखा जाए तो ये बेहद कम हैं. हालांकि इन आंकड़ों पर पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता, लेकिन आंकड़ों की मानें तो संक्रमण होने पर मृत्यु की दर केवल एक से दो फ़ीसदी हो सकती है.
फ़िलहाल कई देशों में इससे संक्रमित हज़ारों लोगों का इलाज चल रहा है और मरने वालों का आँकड़ा बढ़ भी सकता है.
56,000 संक्रमित लोगों के बारे में एकत्र की गई जानकारी आधारित विश्व स्वास्थ्य संगठन का एक अध्ययन बताता है कि -
  • 6 फ़ीसदी लोग इस वायरस के कारण गंभीर रूप से बीमार हुए. इनमें फेफड़े फेल होना, सेप्टिक शॉक, ऑर्गन फेल होना और मौत का जोखिम था.
  • 14 फ़ीसदी लोगों में संक्रमण के गंभीर लक्षण देखे गए. इनमें सांस लेने में दिक्क़त और जल्दी-जल्दी सांस लेने जैसी समस्या हुई.
  • 80 फ़ीसदी लोगों में संक्रमण के मामूली लक्षण देखे गए, जैसे बुखार और खांसी. कइयों में इसके कारण निमोनिया भी देखा गया.
  • कोरोना वायरस संक्रमण के कारण बूढ़ों और पहले से ही सांस की बीमारी (अस्थमा) से परेशान लोगों, मधुमेह और हृदय रोग जैसी परेशानियों का सामना करने वालों के गंभीर रूप से बीमार होने की आशंका अधिक होती है.
    कोरोना वायरस का इलाज इस बात पर आधारित होता है कि मरीज़ के शरीर को सांस लेने में मदद की जाए और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाए ताकि व्यक्ति का शरीर ख़ुद वायरस से लड़ने में सक्षम हो जाए.
    कोरोना वायरस का टीका बनाने का काम अभी चल रहा है.

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कोरोना संक्रमण: रेल टिकटों के लिए मारामारी, जल्द शुरू हो सकता है हवाई सफ़र

कोरोना संक्रमण की वजह से पनपे हालात से सामान्य जीवन की ओर लौटने की तमाम कोशिशें जारी हैं. इस बीच मंगलवार से शुरू हो रही रेल सेवा में टिकट बुकिंग के लिए काफ़ी मारा-मारी दिखी.
द इंडियन एक्सप्रेस की एक ख़बर के मुताबिक, ट्रेनों को पूरी क्षमता के साथ चलाया जाएगा. यह यात्रियों पर निर्भर करेगा कि वो सोशल डिस्टेंसिंग को कैसे बरकरार रखते हैं और ट्रेनों के गंतव्य स्टेशन पहुंचने पर यह जिम्मेदारी राज्यों की होगी कि वो क्या प्रोटोकॉल अपनाते हैं.
सोमवार को टिकट बुकिंग शुरू होने के 20 मिनट में ही हावड़ा-नई दिल्ली के बीच चलने वाली ट्रेन के टिकट अगले पांच दिनों के लिए भी बिक गए. यही हाल मुंबई-नईदिल्ली रूट पर चलने वाली ट्रेन का भी रहा.
रेलवे के एक प्रवक्ता के हवाले से अख़बार ने लिखा, "रात में सवा नौ बजे तक 30 हज़ार पीएनआर जनरेट हो चुके थे और अब तक करीब 54000 यात्रियों ने रिजर्वेशन किया है."
हालांकि तकनीकी समस्या की वजह से बुकिंग को कुछ घंटों के लिए रोकना भी पड़ा. सोमवार को प्रधानमंत्री के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कई मुख्यमंत्रियों ने इस वक़्त ट्रेन चलाए जाने को लेकर चिंता जाहिर की है.
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WHO ने दी चेतावनी, कोरोना से बचना है तो छोड़नी होंगी ये चीजें

दुनिया भर में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का आंकड़ा 537,873 तक पहुंच चुका है

नई दिल्ली: दुनिया भर में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का आंकड़ा 537,873 तक पहुंच चुका है. वहीं इस संक्रमण से मरने वाले लोगों की संख्या 24,149 हो गई है. ये आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे हैं और साथ ही लोगों में डर भी बढ़ रहा है.
भारत समेत कई देशों में लॉकडाउन किया जा चुका है और लोगों को कोरोना से बचने के लिए सरकारें और संबंधित विभाग समय-समय पर एडवाइजरी जारी कर रहे हैं. वहीं लोगों के मन में भी इससे जुड़े कई सवाल लगातार आ रहे हैं. ऐसा ही एक सवाल है कि क्या धूम्रपान या तंबाकू का सेवन करने वाले लोगों में कोरोना के संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञ बताते हैं कि धूम्रपान करने वाले लोगों में बाकी लोगों के मुकाबले संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा होता है. इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि सिगरेट या बीड़ी, जो कि संक्रमित भी हो सकती है, उंगलियों और होठों के सीधे संपर्क में आती है. इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा, हुक्का, सिगार या ई-सिगरेट का सेवन करने वालों के लिए भी ये खतरनाक साबित हो सकता है.
अमेरिका के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ड्रग ऐब्यूज़ की डायरेक्टर डॉ नोरा वॉलकोव का कहना है कि क्योंकि ये वायरस सीधा फेफड़ों पर हमला करता है, इसलिए धूम्रपान करने वाले लोगों के लिए ये एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है. धूम्रपान करने से फेफड़ों की कोशिकाएं कमजोर पड़ जाती हैं, जिससे उनमें इंफेक्शन से लड़ने की ताकत नहीं रह जाती.
हालांकि कोरोना के मरीजों में धूम्रपान से संबंधित ऐसे आंकड़े अभी सामने नहीं आए हैं, लेकिन माहामारी के इस समय में स्वास्थ्य विशेषज्ञ यही सलाह देते हैं कि लोग धूम्रपान से बचें.
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Coronavirus: 24 घंटे में नए मामलों का टूटा रिकॉर्ड, सामने आए 4200 से ज्यादा कोरोना के नए मरीज

आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना पीड़ितों की संख्या 67 हजार 152 हो गई है. इनमें से 44 हजार 29 लोग अभी भी कोविड-19 संक्रमण से ग्रस्त हैं.



नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के चलते 2200 से अधिक मौतों के साथ ही संक्रमित मरीजों की संख्या 67 हजार के पार पहुंच गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में कोरोना के सबसे ज्यादा 4 हजार 213 नए मरीज सामने आए हैं जबकि 97 लोगों की मौत हो गई है. इससे पहले 24 घंटे में सबसे ज्यादा नए मामलों की संख्या 3900 थी. 
आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना पीड़ितों की संख्या 67 हजार 152 हो गई है. इनमें से 44 हजार 29 लोग अभी भी कोविड-19 संक्रमण से ग्रस्त हैं, जबकि उपचार के बाद पूर्ण रूप से स्वस्थ हुए कुल 20 हजार 917 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. वहीं मरने वालों का कुल आंकड़ा 2206 है. 
एक ओर जहां महाराष्ट्र में कोविड-19 संक्रमण के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं, वहीं अब अंडमान निकोबार, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मणिपुर और मिजोरम में महामारी के कोई मामले नहीं हैं. 
महारष्ट्र में अब तक 22 हजार 171 लोगों के कोरोना से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. जबकि 4 हजार के करीब मरीज महामारी से पृरी तरह स्वस्थ हो गए हैं. हालांकि, 832 लोगों की मृत्यु के साथ ही राज्य में मौतों के आंकड़ों में भी लगातार बढ़ोत्तरी देखी जा रही है.
दूसरी ओर गुजरात मे भी संक्रमण चिंता का विषय बना हुआ है. यहां 8 हजार 194 लोग कोरोना से प्रभावित हैं, जिनमें से 2 हजार 11 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किया जा चुका है. राज्य में मौत की संख्या 493 हो गई है. 
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार सुबह तक 6 हजार 924 लोग कोविड-19 संक्रमण से ग्रसित पाए गए हैं. जबकि मरने वालों की संख्या 73 हो गई है.
इधर, कोरोना संकट के बीच 5वीं बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से 'मन की बात' करने जा रहे हैं. आज दोपहर 3 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत होगी. जानकारों की मानें तो इस बैठक में 17 मई के बाद की रणनीति और लॉकडाउन में दिए गए छूट के असर पर चर्चा की जा सकती है. आने वाले समय में लॉकडाउन को लेकर इस बैठक के बाद अहम फैसले लिए जा सकते हैं.
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कल से चलने वाली ट्रेनों में यात्रियों को रेलवे नहीं देगी ये सुविधाएं, जानें 'क्या करें और क्या ना करें'

भारतीय रेल (Indian Rail) ने रविवार को कहा कि उसकी योजना 12 मई से चरणबद्ध तरीके से यात्री ट्रेन सेवाएं शुरू करने की है, और शुरुआत में चुनिंदा मार्गों पर 15 जोड़ी ट्रेनें (अप-एंड-डाउन मिलाकर 30 ट्रेनें) चलायी जाएंगी.



नई दिल्ली: भारतीय रेल (Indian Rail) ने रविवार को कहा कि उसकी योजना 12 मई से चरणबद्ध तरीके से यात्री ट्रेन सेवाएं शुरू करने की है, और शुरुआत में चुनिंदा मार्गों पर 15 जोड़ी ट्रेनें (अप-एंड-डाउन मिलाकर 30 ट्रेनें) चलायी जाएंगी. साथ ही रेलवे ने कहा कि इन ट्रेनों में सीटें आरक्षित कराने वाले यात्रियों को प्रस्थान के समय से कम से कम एक घंटा पहले रेलवे स्टेशन पहुंचना होगा.

अधिकारियों ने बताया कि आरक्षण के दौरान प्राप्त टिकटों पर 'क्या करें और क्या ना करें' स्पष्ट रूप से लिखा होगा. उसमें दिशा-निर्देश भी शामिल होंगे, जैसे- कम से कम एक घंटा पहले रेलवे स्टेशन पहुंचना, प्रस्थान बिंदु पर मेडिकल जांच, कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण से जुड़े अन्य प्रोटोकॉल, मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग तथा आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना आदि.
ये भी पढ़ें: दिल्ली से 15 शहरों के लिए चलेंगी ट्रेन, आज से IRCTC पर बुक करें टिकट; जानें कितना होगा किराया
उसने कहा कि सिर्फ वैध आरक्षित टिकटधारकों को रेलवे स्टेशन में प्रवेश की अनुमति होगी. उसने कहा कि यात्रियों के लिए प्रस्थान बिंदु पर मास्क पहनना और स्वास्थ्य जांच अनिवार्य होगी. सिर्फ उन्हीं लोगों को ट्रेन में चढ़ने की अनुमति होगी जिनमें वायरस से संक्रमण के कोई लक्षण नजर नहीं आएंगे. अधिकारियों ने बताया कि यात्रा के दौरान ट्रेन बेहद कम स्टेशनों पर रुकेगी.
अधिकारियों ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण फैलने से रोकने के लिए इन ट्रेनों में यात्रा करने वालों को कंबल, चादर और तौलिया आदि नहीं दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इन ट्रेनों में वातानुकूलन के लिए विशेष नियम होंगे. तापमान सामान्य दिनों के मुकाबले थोड़ा ज्यादा रखा जाएगा और डिब्बों के भीतर ज्यादा से ज्यादा ताजा हवा की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी.
भारतीय रेल ने कहा कि शुरुआत में सभी 15 राजधानी ट्रेनों के मार्गों पर वातानुकुलित सेवाएं शुरु होंगी और उनका किराया सुपर-फास्ट ट्रेनों के समान होगा.
ये विशेष ट्रेनें नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन से चलेंगी और डिब्रूगढ़, अगरतला, हावड़ा, पटना, बिलासपुर, रांची, भुवनेश्वर, सिकंदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, मडगांव, मुंबई सेंट्रल, अहमदाबाद और जम्मू-तवी को जाएंगी.
अधिकारी ने बताया कि श्रमिक ट्रेनों से उलट इन ट्रेनों के डिब्बों में सभी 72 सीटों पर बुकिंग होगी और इनके किराए में किसी भी प्रकार की छूट की संभावना भी नहीं है. गौरतलब है कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में एक डिब्बे में अधिकतम 54 यात्रियों को यात्रा करने की अनुमति है.
कोविड-19 राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण 25 मार्च से ही सभी यात्री ट्रेन सेवाएं बंद हैं.
इन ट्रेनों में आरक्षण के लिए बुकिंग 11 मई शाम चार बजे से शुरू होगी. बुकिंग सिर्फ आईआरसीटीसी की वेबसाइट के जरिए की जा सकेगी.
भारतीय रेल का कहना है कि इन 15 जोड़ी ट्रेनों के बाद वह अन्य मार्गों पर भी विशेष ट्रेनें चलाएगी. उसका कहना है कि 20,000 डिब्बे कोविड-19 देखभाल केन्द्र के रूप में आरक्षित करने और प्रवासी श्रमिकों को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए रोजाना करीब 300 ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनें चलाने के लिए डिब्बे आरक्षित रखने के बाद कोचों की उपलब्धता के आधार पर अन्य मार्गों पर यात्री सेवाएं बहाल की जाएंगी.
भारतीय रेल ने कहा कि स्टेशनों पर टिकट बुकिंग खिड़की बंद रहेगी, प्लेटफॉर्म टिकट सहित कोई काउंटर टिकट जारी नहीं होगा.
यह पूछने पर कि 17 मई को लॉकडाउन समाप्त होने पर यात्री ट्रेन सेवाओं की क्या स्थिति रहेगी, अधिकारियों ने कहा कि इसके बावजूद सेवाएं चरणबद्ध तरीके से शुरू की जाएंगी.





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