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खतरे में व्यापार: अफगान सरकार की आमदनी की जड़ों को खोद रहा है तालिबान

सार

तालिबान ने व्यापार के प्रमुख सात बड़े और छोटे मार्गों पर नियंत्रण कायम कर लिया है। ये रास्ते हेरात, फारहा, कंधार, कुंडुज, ताखर और बादाखश्तान राज्यों से गुजरते हैं। यहां से गुजरने वाले रास्तों से 2.9 अरब डॉलर का सालाना आयात-निर्यात होता है। ये व्यापार मार्ग पाकिस्तान, ईरान, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के बीच है... 

23 जून, 2021 को काबुल, अफगानिस्तान के बाहरी इलाके में अफगान सुरक्षा बलों और तालिबान विरोधी लड़ाई के लिए अपने समर्थन की घोषणा करने के लिए एक सभा में सशस्त्र लोग।


विस्तार

अफगानिस्तान में ताजा सूरत यह है कि रणनीतिक और कारोबारी महत्व के ज्यादातर इलाकों पर तालिबान ने कब्जा जमा लिया है। खबरों के मुताबिक तालिबान ने व्यापार के प्रमुख सात बड़े और छोटे मार्गों पर नियंत्रण कायम कर लिया है। ये रास्ते हेरात, फारहा, कंधार, कुंडुज, ताखर और बादाखश्तान राज्यों से गुजरते हैं। यहां से गुजरने वाले रास्तों से 2.9 अरब डॉलर का सालाना आयात-निर्यात होता है। ये व्यापार मार्ग पाकिस्तान, ईरान, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के बीच है।

दूसरी तरफ, राष्ट्रपति अशरफ गनी सरकार के नियंत्रण में अभी भी नांगरहार, पकत्या, पकतिका, खोश्त और निमरोज प्रांत में मौजूद व्यापार मार्ग हैं। वहां से गुजरने वाले रास्तों से दो अरब डॉलर से अधिक का आयात-निर्यात होता है। उज्बेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान की सीमा में प्रवेश करने वाले दो मार्ग जोवजान और बाल्ख प्रांतों में हैं, जहां से 1.7 अरब डॉलर का कारोबार होता है। इन प्रांतों पर कब्जे के लिए सरकारी बलों और तालिबान के बीच फिलहाल लड़ाई चल रही है।

गौरतलब है कि पश्चिम में अफगानिस्तान की सीमा ईरान, पूर्व और दक्षिण में पाकिस्तान और उत्तर में तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान से मिलती है। उधर देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र से जाने वाला वाखान गलियारा अफगानिस्तान को चीन के शिनजियांग प्रांत से जोड़ता है। सामरिक विशेषज्ञों का कहना है कि तालिबान ने अपना ध्यान अफगान सरकार के संसाधनों के स्रोतों को जाम करने पर टिका रखा है। वह उसके लिए ऊर्जा और यहां तक खाद्य पदार्थों की सप्लाई को बाधित कर देना चाहता है।

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भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन की एक्सपायरी डेट बढ़ाने के लिए DGCI को लिखी चिट्ठी

भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन की एक्सपायरी डेट बढ़ाने के लिए DGCI को लिखी चिट्ठी 

भारत बायोटेक ने अपनी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन की एक्सापयरी डेट बढ़ाने के लिए भारतीय ड्रग नियामक से अनुमति माँगी है.

समाचार एजेंसी पीटीआई ने यह ख़बर सूत्रों के हवाले से दी है.

भारत बायोटेक कोवैक्सीन की एक्सपायरी डेट छह महीने से बढ़ाकर 24 महीने करना चाहती है. कंपनी ने इस बारे में डीजीसीए को चिट्ठी लिखी है.

हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक की बनाई वैक्सीन कोवैक्सीन को छह महीने तक 2-8 डिग्री सेल्सियस पर स्टोर किया जा सकता है.

अब कंपनी ने डीजीसीए को लिखी चिट्ठी में कोवैक्सीन की शेल्फ़ लाइफ़ बढ़ाने का अनुरोध किया है और अपने प्रस्ताव के समर्थन में रियल टाइम डेटा भी दिया है.

इससे पहले डीजीसीआई ने फ़रवरी एस्ट्राजेनेका और सीरम इंस्टिट्यूटकी वैक्सीन कोविशील्ड की एक्सपायरी डेट बढ़ाकर छह महीने से नौ महीने कर दी थी.


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इराक़ के एक अस्पताल में 'ऑक्सीजन टैंक फटने' से 82 लोगों की मौत

इराक़ के एक अस्पताल में 'ऑक्सीजन टैंक फटने' से 82 लोगों की मौत


इराक़ की राजधानी बग़दाद के एक अस्पताल में आग लगने से कम से कम 82 लोगों की मौत हुई है जिनमें कोरोना मरीज़ भी शामिल हैं जबकि 100 से अधिक लोग इस घटना में घायल हुए हैं. बग़दाद के अल ख़तीब अस्पताल में शनिवार रात को आग लग गई.


रिपोर्टों में आग लगने की वजह ऑक्सीजन टैंक का फटना बताया गया है. सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे वीडियो में लोग अस्पताल से भागते हुए और दमकलकर्मी आग बुझाते हुए दिख रहे हैं.

इराक़ के प्रधानमंत्री मुस्तफ़ा अल-कदीमी ने इसे 'दुर्भाग्यपूर्ण घटना' बताते हुए इसकी तुरंत जांच के आदेश दिए हैं. अस्पताल में आग लगने के बाद परिजनों ने अपने मरीज़ों को ढूंढने की कोशिशें शुरू कर दी थीं.

अहमद ज़की नाम के एक शख़्स अपने बीमार भाई को बचाने गए थे. उन्होंने आग शुरू होने की घटना के बारे में बताया है और उन्होंने कुछ मरीज़ों को इस घटना में बचाया भी है.

वो कहते हैं, "शुरुआत में एक धमाका हुआ. दूसरा धमाका दूसरी ओर से हुआ. आग ऐसे फैल रही थी जैसे ईंधन डाल दिया गया हो. धुआं मेरे भाई तक पहुंच गया. मेरा भाई बीमार है, मैं अपने भाई को सड़क पर ले आया. इसके बाद मैं वापस गया. आख़िरी मंज़िल पर आग नहीं थी. मैंने एक लगभग 19 साल की लड़की का दम घुटते देखा वो मरने वाली थी मैं उसे अपने कंधों पर डालकर उतारकर लाया. लोग इधर-उधर कूद रहे थे. डॉक्टर कारों पर गिरे हुए थे. हर कोई कूद रहा था. मैं वापस छत पर जा रहा था और लोगों को नीचे लेकर आ रहा था."


इराक़ के सिविल डिफ़ेंस के प्रमुख मेजर जनरल कदीम बोहान ने सरकारी मीडिया को बताया है कि आग अस्पताल के इंटेंसिव केयर यूनिट से शुरू हुई.

आपातकालीन सेवा कर्मचारियों का कहना है कि अधिकतर लोगों की मौत तब हुई जब उन्हें मशीन से हटाकर बाहर लाया जा रहा था जबकि कुछ लोगों की मौत दम घुटने से हुई है.

फ़रवरी में इराक़ में कोरोन वायरस संक्रमण के मामले शुरू हुए थे और इस सप्ताह देश में 10 लाख से अधिक मामले हो चुके हैं.

इराक़ी स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक़, देश में अब तक 10 लाख से अधिक कोरोना वायरस संक्रमण के मामले आ चुके हैं जबकि 15,217 लोगों की मौत हुई है.

पिछले महीने इराक़ ने अपना कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण शुरू किया था और देश में अब तक साढ़े छह लाख लोग कोरोना की वैक्सीन ले चुके हैं.


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Oxygen Shortage: अस्पतालों में लगाए जाएंगे 551 ऑक्सीजन प्लांट, PM CARES से दिया जाएगा फंड

 

PMO द्वारा जानकारी दी गई कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता को बढ़ाने के पीएम के निर्देश के अनुरूप, पीएम CARES फंड ने सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के अंदर 551 समर्पित Pressure Swing Adsorption Medical Oxygen Generation Plants की स्थापना के लिए धन के आवंटन के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी है।

Oxygen Shortage: अस्पतालों में लगाए जाएंगे 551 ऑक्सीजन प्लांट, PM CARES से दिया जाएगा फंड

देश में कई राज्य कोरोना संकट के बीच ऑक्सीजन की किल्लत को दूर करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा बड़ा फैसला लिया गया है। PMO द्वारा जानकारी दी गई कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता को बढ़ाने के पीएम के निर्देश के अनुरूप, पीएम CARES फंड ने सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के अंदर 551 समर्पित Pressure Swing Adsorption Medical Oxygen Generation Plants की स्थापना के लिए धन के आवंटन के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी है।

PMO द्वारा बताया गया कि पीएम ने निर्देश दिया है कि इन प्लांट्स को जल्द से जल्द कार्यात्मक बनाया जाना चाहिए। ये समर्पित संयंत्र विभिन्न राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में जिला मुख्यालय में चिह्नित सरकारी अस्पतालों में स्थापित किए जाएंगे। PMO ने बताया कि ये खरीद स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के माध्यम से की जाएगी।

PMO के बयान के अनुसार, इन-हाउस कैप्टिव ऑक्सीजन जेनरेशन सुविधा इन अस्पतालों और जिले की दिन-प्रतिदिन की मेडिकल ऑक्सीजन जरूरतों को पूरा करेगी। इसके अलावा, तरल चिकित्सा ऑक्सीजन (LMO) कैप्टिव ऑक्सीजन जनरेशन के लिए "टॉप अप" के रूप में काम करेगा। PMO ने कहा कि इस तरह की प्रणाली लंबे समय तक यह सुनिश्चित करेगी कि जिलों के सरकारी अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति में अचानक व्यवधान का सामना न करना पड़े और COVID-19 रोगियों और अन्य रोगियों के लिए पर्याप्त निर्बाध ऑक्सीजन की आपूर्ति का उपयोग हो।

पीएम केयर्स कोष से इससे पहले से देश के विभिन्न राज्यों के स्वास्थ्य केंद्रों में 162 पीएसए चिकित्सीय ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की स्थापना के लिए 201.58 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। उल्लेखनीय है कि 27 मार्च 2020 को कोविड-19 महामारी जैसी किसी भी तरह की आपातकालीन या संकट की स्थिति से निपटने के प्राथमिक उद्देश्य से एक समर्पित राष्ट्रीय निधि की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए और उससे प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए ‘आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स फंड)’ के नाम से एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट बनाया गया था। 



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Lockdown in Delhi: दिल्ली में एक हफ्ते के लिए बढ़ाया गया लॉकडाउन

 

देश की राजधानी नई दिल्ली में कोरोना संक्रमण के कारण लागू लॉकडाउन को एक हफ्ते के लिए बढ़ा दिया गया। इसकी घोषणा खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने की है।



Lockdown in Delhi: दिल्ली में एक हफ्ते के लिए बढ़ाया गया लॉकडाउन

नई दिल्ली. देश की राजधानी नई दिल्ली में कोरोना संक्रमण के कारण लागू लॉकडाउन को एक हफ्ते के लिए बढ़ा दिया गया। इसकी घोषणा खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने की है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वर्चुअल माध्यम से एक प्रेस कॉन्फ्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली में कोरोना का कहर जारी है, बहुत ज्यादा कोरोना बढ़ गया है। हमने 6 दिन का लॉकडाउन लगाया था जो सोमवार सुबह खत्म हो रहा है, लॉकडाउन जरूरी था और एक तरह से अंतिम हथियार है। अभी भी कोरोना का कहर जारी है और कोरोना कम नहीं हो रहा है। इसलिए सबका मत यही है कि लॉकडाउन को और बढ़ाना चाहिए। इसलिए एक हफ्ते के लिए लॉकडाउन को और बढ़ाया जा रहा है। लॉकडाउन अगले सोमवार सुबर 5 बजे तक रहेगा। संक्रमण की दर 36-37 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है, पिछले 1-2 दिन में कुछ कम हुई है और यह लगभग 29 प्रतिशत है। हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि इससे मुक्ति मिले।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में अभी कम ऑक्सीजन पहुंच रही है, जो बड़ा चिंता का कारण है, हमारे अधिकारी मंत्री सभी लोग रात रात भर सप्लायर्स से ट्रक ड्राइवर से फोन करके कोशिश कर रहे हैं कि समय पर अस्पताल पहुंचे। सारी कोशिशें कामयाब नहीं हुई हैं, कई जगह हम फेल भी हुए लेकिन कई जगहों पर हम कामयाब हुए हैं। जो लोग भी ऑक्सीजन पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं उन सभी का धन्यवाद।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में 700 टन ऑक्सीजन की जरूरत है, हमें केंद्र सरकार से 480 टन ऑक्सीजन आवंटित हुआ है और कल केंद्र सरकार ने 10 टन और आवंटित किया है, अब दिल्ली को 490 टन ऑक्सीजन आवंटित हुआ है। लेकिन अभी ये पूरा आवंटन भी दिल्ली में नहीं आ रहा है, कल 330-335 टन ऑक्सीजन दिल्ली पहुंची।

उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन कम है और उसका मैनेजमेंट जरूरी है, जिसके लिए कल से ठोस कदम उठाना चालू किया गया है। हमने एक पोर्टल बनाया है जिसमें ऑदेश जारी किए हैं कि हर 2 घंटे में ऑक्सीजन मैन्युफैक्चरर्स से लेकर अस्पताल तक अपनी ऑक्सीजन की पोजिशन बतानी पड़ेगी। ताकी सरकार को पता रहे कि कहां कमी आने वाली है। केंद्र से पूरा सहयोग मिल रहा है, दोनों सरकारें मिलकर काम कर रही हैं। आने वाले कुछ दिनों के अंदर यह अफरातफरी का आलम ठीक होना चाहिए ऐसी उम्मीद है।



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